Magnetic meaning in hindi, what is magnat बहुत समय पहले मैग्नीशिया नामक स्थान पर एक पत्थर मिला जो लोहे के छोटे कणों को आकर्षित करता था , इस को गुण को देखकर इसे मेग्नेट नाम दिया गया ,जिसे हम चुम्बक कहते है।
यह एक अयस्क है जिसे मैग्नेटाइट कहते है जो लोहे का आक्साइड है।
जब हम चुम्बक को स्वतंत्रता पूर्वक लटकते हैं तो यह हमेशा उत्तर तथा दक्षिण दिशा में ही ठहरती है।
चुम्बक दूसरी चुम्बक को आकर्षित या प्रतिकर्सित करती हैं इस गुण को चुम्वकत्व कहते है।
Types of magnet (मेग्नेट, चुम्बक के प्रकार)
प्राकृतिक चुम्बक
चुम्बक के शुद्ध रूप को या जो चुम्बक प्रकृति में पाई जाती हैं इसे प्राकृतिक चुम्बक कहते है। जैसे:- मैग्नेटाइट
कृत्रिम चुम्बक
वे चुम्बक जो मानव के द्वारा निर्मित किए जाते हैं , उन्हें कृत्रिम चुम्बक कहते है। जैसे:- छड़ चुम्बक, चुम्बकीय सुई।
कृत्रिम चुम्बक का उपयोग आधुनिक युग में बहुत होता है। छोटी से छोटी मशीन से लेकर बड़े से बड़े जहाज में कृत्रिम चुम्बक का उपयोग किया जाता है।
Electro magnets (विधुत चुम्बक)
Electro magnet in hindi किसी विधुत रोधी पदार्थ पर तांबे के तार लपेट कर एक कुण्डली का निर्माण किया जाता है, जब इसमें विद्युतधारा प्रवाहित करते है तो यह चुम्बक की तरह व्यवहार करती हैं। जिसे हम विधुत चुम्बक कहते है।
Magnet properties (मेग्नेट, चुम्बक के गुण)
magnet properties in hindi
- चुम्बक दो ध्रुवीय होती हैं – उत्तरी ध्रुव व दक्षिणी ध्रुव
- चुम्बक लोहे ,निकिल तथा कोबाल्ट को आकर्षित करता है।
- चुम्बक के समान ध्रुव आपस में प्रतिकर्षित तथा असमान ध्रुव आपस में आकर्षित होते है।
- चुम्बक के ध्रुवों पर चुम्बकत्व का मान अधिक तथा चुम्बक के मध्य में कम होता है।
- गर्म करने पर चुम्बक के चुम्बकत्व का मान कम होता जाता है।
- जब हम किसी चुम्बक को तोड़ते है तो प्रत्येक टुकड़ा एक चुम्बक की भांति कार्य करता है।
Exampal of magnetic force (मेग्नेट, चुम्बक के उपयोग)
- लोहे को पहचानने में
- दिशा का पता लगाने में
- मैमोरी बनाने में
- रेडियो, टीवी, पंखा आदि को बनाने में
- विधुत घंटी बनाने में
- डेविड कार्ड बनाने में
- ट्रांफार्मर बनाने में
what is magnetic field (क्षेत्र की तीव्रता)
what is magnetic field in hindi, चुम्बक के आसपास का वह क्षेत्र जहा तक वह किसी दूसरे चुम्बक को आकर्षित या प्रतिकर्षित कर सकता है,उसे उस चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र कहते है, तथा इस प्रभाव को चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता कहते हैं। यह एक राशि है जो दूरी के साथ कम होती जाती हैं।
इसकी इकाई न्यूटन-मीटर या बेबर/मीटर² होती हैं इसका SI मात्रक टेस्ला तथा CGS मात्रक गौस होता है।
1 टेस्ला = 10⁴
List of properties of magnetics lines of force चुम्बकीय बल रेखाएं
ये चुम्बकीय क्षेत्र में खींची गई वो काल्पनिक रेखाओं होती हैं जो चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता को प्रदर्शित करती हैं।
जहा पर चुम्बकीय बल रेखाएं अधिक पास पास होती हैं वहां विधुत क्षेत्र की तीव्रता अधिक होती है तथा जहां चुम्बकीय बल रेखाएं दूर दूर होती है वहां चुंबकिय क्षेत्र की तीव्रता कम होती हैं।
- चुम्बकीय बल रेखाएं चुम्बक के बाहर उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर गमन करती हैं तथा चुम्बक के अंदर दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर गमन करती है।
- ये रेखाएं एक दूसरे को कभी नहीं काटती है
चुम्बकीय प्रेरण
किसी चुम्बकीय पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर उसमें चुम्बक के गुण आ जाते है, इस प्रभाव को चुम्बकीय प्रेरण कहते है।
दिकपात कोण
भौगोलिक याम्योत्तर तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के मध्य बनने वाला कोण दिकपात कोण कहलाता हैं।
नमन कोण
किसी जगह पर क्षैतिज तल तथा चुम्बकीय क्षेत्र के बीच बनने वाला कोण नमन कोण कहलाता है। नमन कोण का मान ध्रुवों 90⁰ तथा विषुवत रेखा पर 0⁰ होता है।
चुम्बक शीलता
जब किसी पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखते है तो उसके अंदर चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या में परिवर्तन होता है इस गुण को पदार्थ की चुम्बक शीलता कहते है।
इसे म्यू (μ) से प्रदर्शित करते है। निर्वात की चुम्बक शीलता का मान -4π×10⁻⁷न्यूटन/एम्पियर² या हेनरी/मीटर होता है।
चुम्बक शीलता (μ) = चुम्बकीय पदार्थ में प्रति वर्ग मीटर में गुजरने वाली बल रेखाओ (B) / हवा में प्रति वर्ग मीटर बल रेखाओं की संख्या (N)
चुम्बकीय प्रवृति
किसी पदार्थ की चुम्बकीय गुण ग्रहण करने की क्षमता को , उस पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृति कहते है, इसे पाई (π) से दर्शाते है।
π = l/H = K = नियतांक
l = पदार्थ में उत्पन्न चुम्बकीय तीव्रता
H = पदार्थ को चुम्बकित करने वाला बल
क्युरी ताप
किसी लौह चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृति उस पदार्थ के परम ताप के व्युत्क्रमानुपाती होती हैं , इसे क्यूरी का नियम कहते हैं। लोहे का क्यूरी ताप का मान 770⁰C तथा निकिल का क्यूरी ताप 358⁰C होता है।
Magnetic flux (चुम्बकीय फ्लक्स)
एकांक क्षेत्रफल से गुजरने वाली चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या को चुम्बकीय फ्लक्स कहते है, इसे (Φ)से प्रदर्शित करते है।
इसका मात्रक बेबर या न्यूटन-मीटर/एम्पियर होता है।
चुम्बकीय प्रेरण के लिए फैराडे का नियम
चुम्बकीय प्रेरण के लिए फैराडे ने दो नियम प्रस्तुत किए –
- फैराडे का प्रथम नियम:- जब किसी कुंडली के फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो कुण्डली के अंदर एक प्रेरित विधुत वाहक बल उत्पन्न होता है, यह विधुत वाहक बल तब तक रहता है जब तक चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है।
- फैराडे का द्वितीय नियम:- कुण्डली में उत्पन्न प्रेरित विधुत वाहक बल का मान उस कुण्डली के चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन की दर के अनुक्रमानुपाती होता है।
E = N dΦ/dt
Chumbak brand (चुम्बक ब्रांड) मेग्नेट ब्रांड
chumbak brand in hindi, magnet in hindi ब्रांड की शुरुआत शुभ्रा चड्डा ने अपने पति के साथ की। प्रारम्भ में शुभ्रा बिजनेस के बारे में सोच भी नहीं सकती थी । चुम्बक ब्रांड का तो उनका सिर्फ एक आइडिया था।
शुभ्रा ने अपनी जॉब 2008 में छोड़ी तथा एक chumbak brand (चुम्बक ब्रांड) बनाने बनाने के बारे में सोचा। उन्होंने बिजनेस शुरू करने के लिए अपना मकान 40 लाख रूपये में बेंच दिया।
शुरुआत में उनका बिजनेस नहीं चल रहा था। लेकिन बाद में इन्होंने अपना पहला स्टोर 2010 में बंगलौर में खोला।
आज चुम्बक ब्रांड ने पूरे देश में तहलका मचा रखा है। देश में हर जगह चुम्बक के प्रोडक्ट्स की होम डिलेवरी उपलब्ध है।
Chumbak ke products उन्होंने ऐसे कस्टमर को टारगेट किया जिन्हें अच्छे और महंगे गिफ्ट्स चाहिए। उन्होंने लगभग 10 महीने इस बिजनेस के डिजाइन, प्रोजक्ट और रिटेल स्ट्रेटजी के बारे में रिसर्च की ओर कार्य प्रारम्भ किया।
सबसे पहले उन्होंने कि – चेन और कुशन कवर बनाएं। अब लगभग 110 से भी ज्यादा प्रोडक्ट्स शामिल है। अब वो हर महीने लगभग 1 करोड़ रूपए से ज्यादा इनकम करते हैं।