meaning of letter ( पत्र किसे कहते हैं)
meaning of letter in hindi :- पत्रों के द्वारा हम अपनी बात को किसी दूसरे तक पहुंचने के साथ साथ हम अपने विचारों को आसानी से व्यक्त कर सकते हैं। आज कंप्यूटर और मोबाइल के आने बाद भी यह बहुत प्रचलित है।
मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट के आने से पहले पत्र ही एक दूसरे के हाल चाल बताते थे, बीते हुए युग में यह कम्यूनिकेशन का एक अच्छा माध्यम हुआ करता था।
पत्रों का उपयोग छात्रों के जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी होता है, उन्हें स्कूल / कॉलेज में छुट्टी लेने के लिए, छात्रवृत्ति के लिए, स्कूल छोड़ने के लिए, नौकरी पाने समेत तमाम जरूरतों के लिए पत्र लिखने की जरूरत होती है।
पत्र लिखते समय सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि, आप जिसके लिए पत्र लिख रहे है, उसके लिए सम्मान और शिष्टाचार और आदर पूर्ण शब्दों का इस्तेमाल जरूर करे।
पत्र लिखते समय भावनाओं को इस तरह से व्यक्त करे जिसे देखकर पाठक भावुक हो उठे।
पत्र को बहुत ही सरल भाषा में लिखने की कोशिश करे।
पत्र ( letter in hindi )लेखन खत्म होने के बाद उसे दोबारा जरूर पढ़े, ताकि उसमें हुई गलतियों को ठीक किया जा सके।
पत्र लिखने से पहले इस बात का पता करले कि आप जिसको पत्र लिख रहे है उसकी आयु क्या है तथा वह क्या करता है।
पत्र में लिखा गया पता को अच्छे अक्षरों में लिखे जिससे सही जगह पर पहुंच पाए।
पत्र (letter in hindi) लेखन की खासियत
- आसान भाषा – पत्र ( letter in hindi ) को सरल भाषा में लिखा जाना चाहिए, ताकि पढ़ने वाले को आसानी से समझ में आ जाए।
- प्रभावशीलता– पत्र को ऐसे शब्दों से लिखा जाना चाहिए जो पढ़ने वाले को प्रभावित कर सके, पत्र में अपने विचारों को अच्छे ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए।
- शुद्धता और स्वच्छता – साफ-सुथरे कागज पर ही पत्र letter in hindi लेखन करे।
- विचारों की स्पष्टता – पत्र में लिखे गए विचार स्पष्ट हो।
- विनम्रता और शिष्टता – पत्र को शिष्टता और विन्रमता काध्यान रखकर ही लिखे, हमेशा आदरपूर्ण और सम्मान पूर्ण शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए, और पत्र लिखते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि इससे किसी भी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचे।
- संक्षिप्त और सम्पूर्ण – पत्र छोटा और संपूर्ण होना चाहिए उसमें मुख्य बातें ही लिखे।
- उद्देश्यपूर्ण – पत्र में महत्वपूर्ण बातें लिखनी चाहिए और इस तरह लिखनी चाहिए कि जिससे पढ़ने वाली की जिज्ञासा शांत हो जाए।
- बाहरी सजावट – लिखावट साफ, सुंदर और स्पष्ट होनी चाहिए, पत्र लिखने के लिए अच्छे कागज का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- क्रमबद्धता – पत्र-लेखन करते समय क्रमबद्धता जरूर ध्यान रखे, मुख्य बातों को पहले लिखे। तथा आखिरी में लिखी जाने वाली बातों को बाद में लिखना चाहिए।
- सद्भावना – सद्धभावपूर्ण पत्र letter in hindi लिखना चाहिए, शिकायती पत्र लिखते वक्त भी उसमें असद्धावना प्रकट नहीं होनी चाहिए।
- विराम चिह्नों का खास ध्यान – पत्र लेखन में उचित स्थान पर विराम चिन्हों का इस्तेमाल करना चाहिए।
- सहज और स्वाभाविक शैली – पत्र में आसान भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि पाठक को आसानी से समझ में आ सके, कठिन शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
पत्रों के प्रकार – Types of letter in hindi
पत्र letter in hindi मुख्य रुप से दो प्रकार के होते हैं –
- औपचारिक पत्र (Formal Letter)
- अनौपचारिक पत्र(Informal Letter)
letter in hindi formal (औपचारिक पत्र)
letter in hindi formal हम उनको लिखते है जिनसे हमारा कोई संबंध नही हो। अर्थात ऑफिसों , व्यवसायो, स्कूलों को लिखे गए प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, अन्य किसी सरकारी कर्मचारी को पत्र, संपादक आदि को लिखे गए प्रार्थना पत्र औपचारिक-पत्र कहलाते हैं।
औपचारिक-पत्र की भाषा सहज और शिष्टापूर्ण होती है। इस प्रकार के पत्रों में केवल अपने काम की बात लिखी जाती है ।
औपचारिक पत्रों को एक निश्चित पैटर्न में लिखा जाता है, ओर ऐसे पत्र औपचारिकता का पालन करते हैं, ऐसे पत्रों को प्रोफेशनल पत्र भी खा जाता हैं। व्यावसायिक पत्र और अधिकारियों को लिखे गए पत्र औपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं।
औपचारिक-पत्र (letter in hindi formal) लिखते समय ध्यान देने वाली बातें
औपचारिक-पत्रो letter in hindi formal को नियमों के अनुसार लिखा जाता हैं –
इस प्रकार के पत्रों को बड़े ध्यान से लिखा जाता है इसमें काम की बाते ही लिखी जाती हैं फालतू की बाते नही लिखी जाती हैं।
पत्र की शुरुआत तथा अंत बहुत ही आकर्षक होना चाहिए।
पत्र को सरल व सुस्पष्ट भाषा में लिखना चाहिए
परीक्षा में पत्र लिखते समय स्थान के नाम पर परीक्षा हॉल तथा नाम के स्थान पर अपना नाम लिखना चाहिए
पत्र लिखना बाई ओर से शुरू करे
पत्र को एक ही पेज में लिखने की कोशिश करे जिससे पत्र अच्छा दिखता है।
पत्र के शुरुआत में पत्र के बाई और ‘सेवा में’ लिखे उसके बाद जिसको पत्र लिखा जा रहा हैं उसका पद तथा स्थान का नाम लिखे ।
विषय – आप जिस काम के लिए पत्र लिख रहे है उसको बहुत ही कम शब्दों में लिखे।
संबोधन – पत्र के बाई और महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।
संबोधन लिखने के तुरंत बाद नीचे वाली लाइन से “सविनय निवेदन यह है कि” से वाक्य आरंभ करे फिर अपनी परेशानी का उल्लेख करे ।
अपनी बात पूरी करके “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप जो उनसे चाहते हैं, उसे लिखें।
हस्ताक्षर व नाम– धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
प्रेषक का पता– शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड आदि।
दिनांक।
Types of letter in hindi formal
letter in hindi formal को तीन भागों में बांट गया है
- प्रार्थना-पत्र
- कार्यालयी-पत्र
- व्यवसायिक-पत्र
(1) प्रार्थना-पत्र –
ऐसे पत्र अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन आदि के लिए लिखे जाते है उन्हे हम ‘प्रार्थना-पत्र’ कहते हैं। इस प्रकार के पत्र सरकारी विभागो जैसे :- स्कूलों , कॉलेजों आदि।
प्रधानाध्यापक को लिखे गए प्रार्थना-पत्र ( letter in hindi to principal )
अपनी बहिन की शादी पर छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र।
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाध्यापक मोहदय, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, गुढ़ाचंद्रजी ( राजस्थान )
विषय – बहिन की शादी के लिए छुट्टी हेतु प्रार्थना पत्र महोदय,
सविनय नम्र निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय के कक्षा 12वीं का विद्यार्थी हूँ। मेरी बहिन की शादी दिनांक 10 मार्च 2022 और 11 मार्च 2022 को तय हुई है, मेरा इस शादी में उपस्थित होना बहुत जरूरी है। इसी लिए आपसे विनम्र निवेदन है कि मुझे 07 मार्च 2022 से 13 मार्च 2022 तक की छुट्टी देने की कृपा करे । आपकी अति कृपा होगी ।
आपका आज्ञाकारी शिष्य, नाम – रामावतार सिंह कक्षा – 12वीं रोल नंबर – 03 दिनांक – 06 मार्च 2022
बैंक मैनेजर को प्रार्थना पत्र
सेवा में,
शाखा प्रबंधन
SBI बैंक
गुढ़ाचंद्रजी,
विषय : एटीएम कार्ड प्राप्त करने हेतु।
सविनय नम्र निवेदन है मेरा खाता संख्या______ है इस खाते से मुझे अभी तक एटीएम कार्ड नहीं मिला है मुझे एटीएम कार्ड की बहुत आवश्यकता है मुझे लेनदेन करने में काफी परेशानी होती है। इसलिए आपसे प्रार्थना है कि इस खाते से एटीएम कार्ड जारी करने का कृपा करे आपकी अति कृपा होगी।
दिनांक_________ खाता धारक का नाम ________ खाता सांख्या________ मोबाइल न ०_______
(2) कार्यालयी-पत्र –
ऐसे पत्र जो कार्यालयों के काम से लिखे जाते है, उन्हे ‘कार्यालयी-पत्र’ कहते हैं। इस प्रकार के पत्र, स्कूल और कॉलेज के प्रधानाध्यापकों, सरकारी अफसरों या अधिकारियों को लिखे जाते हैं। उदाहरण :- डाक प्रभारी, थाना प्रभारी ,स्कूल प्रधानाचार्य, सम्पादक, परिवहन विभाग
आपका एक बैग जिसमे आपके जरूरी कागज थे वो रोडवेज बस में छूट गया जिसे बस कंडक्टर ने आपके घर आकर बापिस कर दिया। उसकी प्रशंसा करते हुए परिवहन निगम के अध्यक्ष को एक पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीमान,
हिमाचल राज्य परिवहन निगम,
दौसा।
विषय – रोडवेज बस में बैग छूटने के बाद बैग का वापस मिलना।
महोदय,
कल दिनांक 12 मार्च 2022 को मैंने दौसा में कार्य समाप्ति के बाद करौली के लिए बस पकड़ी और में करौली पहुंच गया। घर पहुंचने के बाद मुझे पता चला की में अपना बैग बस में ही भूल आया । उस बैग में मेरे कुछ पैसे , आधार कार्ड , पेनकार्ड ,ड्राइविंग लाइसेंस तथा 12वी की मार्कशीट भी थी। में बापिस बस स्टेंड गया लेकिन तब तक बस निकल चुकी थी । मैं उदास होकर घर आ गया उस रात मुझे नींद भी नही आई। लेकिन दूसरे दिन बस कंडक्टर बाबूलाल शर्मा बैग को लेकर मेरे घर आ गए। में बहुत ही खुश हुआ और मुझे कंडक्टर का व्यवहार बहुत ही अच्छा और प्रशंसनीय लगा इसलिए मैने उन्हे कुछ ईनाम देना चाहा परन्तु उन्होंने यह कह कर ताल दिया कि यह तो उनका कर्तव्य था।
इसलिए मै चाहता हूँ कि आप ऐसे ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत करे जिससे दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी से काम करेंगे। मैं कंडक्टर श्री बाबूलाल शर्मा का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ।
धन्यवाद। भवदीय, रामावतार सिंह 10 गायत्री नगर, दौसा दिनांक : 13 मार्च 2022 दूरभाष – 9910103811
(3) व्यवसायिक-पत्र –
बिजनेस में पीसो के लेन देन तथा सामान खरीदने तथा बेचने से रिलेटेड लिखे गए पत्र ‘व्यवसायिक-पत्र’ कहलाते हैं। ऐसे पत्र औपचारिकताओं का पालन करते हैं इसलिए इन्हे ओपचारिक पत्र कहते है।
उदाहरण :- सामान बेचने वाला, व्यापारी, कंपनी मालिक, प्रकाशक,आदि।
Format Of Business Letter-
सेवा में, प्रबंधक महोदय, ग्लेज ट्रेडिंग कंपनी, सीतापुरा, जयपुर
विषय- नए सामान की पूर्ति करने हेतु।
महोदय,
————————– संदेश (Message) ————————
धन्यवाद, गुना, करौली-322213 राजस्थान दिनांक : 13 मार्च, 2022 भवदीय रामावतार सिंह
letter writing in hindi informal (अनौपचारिक पत्र)
अनौपचारिक पत्र पर्सनल और व्यक्तिगत पत्र होते हैं। ऐसे पत्रों का कोई निर्धारित पैटर्न नही होता है। इस प्रकार के पत्रों में आपसी जानकारी और हाल चाल की बातचीत होती है। ऐसे पत्र दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार वालो को लिखे जाते हैं।
दोस्त को पत्र लिखने का फॉर्मेट (Format Of informal Letter)
गायत्री नगर, दौसा, राजस्थान 13 मार्च 2022
प्रिय मित्र, नमस्कार/नमस्ते !
—————————-संदेश —————————-
तुम्हारा मित्र, रामावतार सिंह
अपने माता पिता के लिए पत्र
गुढ़ाचंद्रजी करौली – 322213 राजस्थान
मेरे प्यारे माता-पिता प्रणाम
मैं यह ठीक हूँ ओर मेरा काम भी अच्छे से चल रहा है में घर कुछ समय के बाद आऊंगा। आप सब लोग कैसे है बहुत दिनों से आपका कोई पत्र नहीं मिला इसलिए मै चिंतित हो गया।
मेरे प्यारे माता पिता आपको यह जानकर खुशी होगी की मेने यहा खुद का एक ऑफिस खोल लिया है तथा काम भी शुरू कर दिया है और कमाई भी अच्छी हो रही है काम करते हुए बहुत अच्छा लग रहा है और में मन लगाकर काम कर रहा हूँ आप लोग मेरे लिए भगवान से प्रार्थना करे की मैं ऐसे आगे बढ़ता रहु।
अब मैं अपनी बात को समाप्त करता हूँ ओर यह पत्र पढ़कर आप भी एक पत्र लिखकर मुझे घर की स्थिति के बारे बताये और आप लोग कैसे है यह भी बताये।
आपका बेटा रामावतार सिंह दिनांक___________
लेटर लिखने की आवश्यकता क्या है?
जब दो व्यक्तियों के बीच दुरी ज्यादा होती है और वो काफी दिनों मिले भी हो और दूसरे के बारे में पता नहीं होता हो तब हम एक दूसरे के हाल चाल जानने के लिए एक पत्र लिखते है और उसमे अपनी परिस्थिति के बारे बताते है।
पत्र के पहुंच जाने के बाद उधर भी एक पत्र लिखा जाता है उधर की सारी जानकारी आप तक पहुंच जाती है यह हम अपने सम्बन्धी के साथ करते है।
भले आज इस आधुनिक युग में तरह तरह की टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करके एक दूसरे के बीच संपर्क बनायीं जाती है लेकिन आज बहुत सारी जगहों पर बिना एप्लीकेशन या लेटर के बिना कोई कार्य होता है और काफी प्रचलन में भी है।