
aavesh kise kahate hain । Vidyut aavesh kya hai विद्युत आवेश से क्या तात्पर्य है
aavesh kya hai, vaidhut aavesh kise kahate hain , vidyut aavesh kise kahate hain , विद्युत आवेश क्या है , विद्युत आवेश की परिभाषा क्या है इसका मात्रक क्या है आओ जानते हैं
aavesh kise kahate hain विद्युत आवेश की परिभाषा :– जब दो पदार्थ संपर्क में लाकर रगड़े जाते हैं तो उनमें से एक पदार्थ जिसमें इलेक्ट्रॉन के लिए आकर्षण अधिक होता हैं वह दूसरे से कुछ इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर लेता है।
जिससे इलेक्ट्रॉन का स्थानांतरण होता है तथा पिंड आवेशित हो जाते हैं। चुकी इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बहुत कम है अतः इनके स्थानांतरण से द्रव्यमान में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
उदाहरण :- कांच की छड़ को बिल्ली की खाल से रगड़ते है तो कांच की छड़ धनावेशित जबकि बिल्ली कि खाल ऋणावेशित हो जाती हैं।
Note -आपने देखा होगा की जब आप ऊनी वस्त्र उतरते हो तो चट- चट की आवाज आती हैं।
ऊनी वस्त्र अपने शरीर के वालों के साथ रगड़न के कारण आवेशित हो जाते हैं,तथा जब हम वस्त्र उतारते है तो विद्युत आवेश उदासीन हो जाते हैं इसलिए चट – चट की आवाज आती हैं।
aavesh kise kahate hain विद्युत आवेश क्या है । इसके कितने प्रकार हैै। विद्युत आवेश के प्रकार । types of charge
विद्युत आवेश दो प्रकार का होता है – (1) धनावेश(2)ऋणावेश
विद्युत आवेश के गुण :- (1) जब हम एकसमान प्रक्रती वाले आवेशो को एक दूसरे के नजदीक लाते है तो वे एक दूसरे को प्रतिक्रसित करते हैं जबकि (2)असमान आवेशो एक -दूसरे के नजदीक लाने पर एक – दूसरे को आकर्षित करते हैं।
आवेशन – aavesh kise kahate hain जब हम किसी एक आवेशित पिंड से दूसरे पिंड को आवेशित करते हैं तो उस प्रक्रिया को आवेशन कहते हैं।
किसी एक आवेशित पिंड से दूसरे आवेशित पिंड को निम्न दो प्रकार से आवेशित कर सकते हैं –
- संपर्क द्वारा आवेशन – किसी एक आवेशित पिंड को दूसरे पिंड से संपर्क करते हैं तो पिंड के समान दूसरे पिंड पर आवेश आ जाते हैं, इस प्रक्रिया को संपर्क द्वारा आवेशन कहते हैं।
- प्रेरण के द्वारा आवेशन – इसमें किसी वस्तु को किसी आवेशित बस्तु के द्वारा बिना संपर्क किए आवेशित किया जाता हैं, इसे प्रेरण द्वारा आवेशन कहते हैं।
जैसे – किसी कूचालक स्टैंड पर धातु का गोला रखकर उसके पास एक ऋणावेशित छड़ लाने पर प्रेरण के कारण छड़ के पास वाला हिस्सा धनावेशित जबकि दूसरा हिस्सा ऋणावेशित हो जाता है।
ऋनावेशित हिस्से को भूसंप्रकित कराने पर ऋणावेश हट जाता है। अब भूसंप्रकन तथा धनावेशित छड़ को गोले से दूर हटाते हैं । तो धनावेश पूरे गोले में फैल जाता है।
aavesh kise kahate hain विद्युत आवेश का S.I मात्रक क्या है
विद्युत आवेश का SI मात्रक क्या होता है, आवेश कि इकाई क्या होती है
विद्युत आवेश का SI मात्रक कूलाम होता है,
CGS मात्रक स्टेटकुलाम,
तथा विद्युतचुम्बकीय मात्रक emu होता है
1 कुलाम = 3×109स्टेटकुलम
1 कुलाम =1/10 emu
आवेश की योज्यता
विद्युत आवेश एक अदिश राशि है aavesh kise kahate hain यदि किसी निकाय में एक से अधिक आवेश है तो निकाय का कुल आवेश उपस्थित आवेश के बिजगणितिय के समान होता है ।
माना किसी निकाय में q₁ , q₂ , q₃ आवेश है तो निकाय का कुल आवेश q₁+q₂+q₃ होगा ।
आवेश संरक्षण का नियम
aavesh kise kahate hain इस नियम के अनुसार विद्युत आवेश को न तो उत्पन्न किया जा सकता है ओर न ही नष्ट किया जा सकता है ” ।
इसको सिर्फ एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण किया जा सकता है जैसे किसी आवेशित वस्तु को दूसरे किसी चालक के साथ संपर्क कराया जाता है ।
तो चालक पर उसके समान आवेश आ जाता है । किसी निकाय में कुल धनावेश तथा ऋणावेशो का बीजगणित योग सदैव नियत रहता है।
आवेश के क्वांटीकरण का सिद्धांत
aavesh kise kahate hain किसी भोतिक राशि का स्थानांतरण सतत् नहीं होकर विभिक्त हो तो उस राशि को क्वांटम प्रकृति की राशि कहते है।
किसी भी पिंड पर विद्युत आवेश सदैव इलेक्ट्रॉन के पूर्ण गुणज के रूप में होता है, जिसे आवेश का कवांटमीकरण कहते हैं । Q = ne,
यहां n =0, +-1, +-2, +-3…. आवेश का न्युनतम मान 1•602 × 10⁻¹⁹ हो सकता है।
आवेश (electric charge) की परिभाषा आपको मिल गई है और आवेश संरक्षण का नियम और इसका S.I मात्रक और आवेश के क्वाण्टीकरण का सिद्धांत आपको समझ में आ गया होंगा।
इस page को share जरूर करें अपने friends से नीचे buttons है और कोई question हो तो comment करें