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12th class physics chemistry and maths notes in hindi

विद्युत द्विध्रुव तथा द्विध्रुव आघुर्ण क्या है।परिभाषा।मात्रक।सूत्र

by staff

विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण किसे कहते है।

विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा :- जब परिमाण में समान परन्तु विपरीत प्रकृति के आवेशित कणों को बहुत निकट रखते हैं , तो इनके युग्म को विद्युत दिध्रुव कहते हैं।

 जैसे – दो आवेश q तथा -q , जो 2a दूरी पर रखे हो तो उनके विद्युत दिध्रुव बनेगा इसकी दिशा -q से +q की ओर होती है।

विद्युत द्विध्रुव आघुर्ण की परिभाषा

दो विद्युत आवेश q तथा -q , जो 2a दूरी पर रखे हो तो उनका विद्युत दिध्रुव बनेगा इसकी दिशा -q से +q की ओर होती है।

q तथा -q इनके मध्य की दूरी के गुननफल को विद्युत दिध्रुव आघूर्ण कहते हैं । तथा यह एक सदिश राशि है।

विद्युत द्विध्रुव आघुर्ण का सूत्र

P = q(2a)

विद्युत द्विध्रुव आघुर्ण का मात्रक कुलाम मीटर होता है ।

दिध्रुव आघूर्ण की सहायता से परमाणुओं या अणुओं के आघूर्ण के मान को ज्ञात करके इनकी संरचना का अध्यन कर सकते है।

अक्ष पर स्थित बिंदुओं पर विद्युत द्विध्रव आधूर्ण के कारण विद्युत छेत्र की तीव्रता – 

माना आवेश q तथा -q हैं जो 2a दूरी पर स्थित है तथा इनको मिलाने वाली रेखा पर स्थित बिंदु P पर विद्युत छेत्र की कुल तीव्रता ज्ञात करनी है।

माना बिंदु P द्विध्रुव से r दूरी पर स्थित है तथा  r >>a

Note:- द्विध्रुव कि दिशा -q से +q की ओर होती है। -q के विद्युत छेत्र की दिशा इसके विपरीत है।

यदि द्विध्रुव अक्ष कि दिशा‌ में इकाई सदिश p̂ हो तो आवेश q के कारण p पर विद्युत छेत्र की तीव्रता – 

इसी प्रकार आवेश -q के कारण विद्युत छेत्र की तीव्रता 

अध्यारोपण के सिद्धांत से बिंदु P पर कुल विद्युत छेत्र इनके सदिश योग के समान होगा

निरक्ष पर स्थित बिन्दुओं पर विद्युत द्विध्रुव आधूर्ण के कारण विधुत छेत्र की तीव्रता –

माना दो विद्युत आवेश q तथा -q के मध्य की दूरी 2a है । तथा इस द्विध्रुव से r दूरी पर निरक्ष पर स्थित बिंदु पर विद्युत छेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी है।

Note:- द्विध्रुव की दिशा -q से +q की ओर होती है जबकि कुल विद्युत छेत्र की दिशा इसकी दिशा के विपरीत होती हैं । अतः कुल विद्युत छेत्र ऋणात्मक होगा ।

कुल स्थिति में तीव्रताओ Eq तथा E-q के उर्ध्वधर घटक परिमाण में समान परन्तु दिशा में विपरित होंगे जिससे परस्पर निरस्त हो जाएंगे तथा

बिंदु P पर कुल तीव्रता इन तीव्रताओ के क्षेतिज घटको के योग के समान होगी।

उपरोक्त दोनों स्थितियों से यह प्रदर्शित होता है कि दूरी r समान होने पर किसी छोटे द्विध्रुव के लिए अक्ष पर विद्युत छेत्र की तीव्रता निरक्ष पर विद्युत छेत्र की तीव्रता की दुगुनी होती है ।

समान विद्युत छेत्र में विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण के कारण बल आघुर्ण

माना 2a लंबाई का कोई विद्युत द्विध्रुव एक समान विद्युत छेत्र E  में रखा है । तथा यह विद्युत छेत्र की दिशा में θ कोण बना रहा है ।

इस स्थिति में आवेश +q के कारण छेत्र की दिशा में +qE तथा विपरीत दिशा में बल -qE लगेगा ।

तो एक समान विद्युत छेत्र में स्थित द्विध्रुव पर लगने वाला परिणामी बल

इस स्थिति  में द्विध्रुव के सिरे पर लगने वाला बल परिमाण में समान लेकिन दिशा में विपरीत होता है । तथा

यह बल द्विध्रुव को छेत्र कि दिशा में लाने का प्रयत्न करता है इसका मान 

इसकी इकाई  ‘न्यूटन मीटर ‘ होती है । θ के भिन्न भिन्न मानो के लिए निम्न परिस्थितियां संभव हैं।

समान विद्युत छेत्र में विद्युत द्विध्रुव आघुर्ण

माना τ बल आघुर्ण के द्वारा किसी विद्युत द्विध्रुव को विद्युत छेत्र की दिशा के विपरीत घुमाया गया है ।

कोणीय विस्थापन dθ लेने पर किया गया कार्य 

dW = – τ•dθ

प्रारम्भिक स्थिति θ₁ से θ₂ तक घुमाने में किया गया कार्य

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