माना किसी अनन्त लंबाई के तार पर रेखीय आवेश घनत्व λ है इस स्थिति में λ का मान 0 से बड़ा होने पर विद्युत छेत्र की दिशा बाहर की और जबकि λ का मान 0 से छोटा होने पर अंदर की ओर होगी।

इसके विद्युत छेत्र को ज्ञात करने के लिए इसके चारों और बेलनाकार गाऊसीय प्रष्ठ की परिकल्पना करते है तथा इस गाऊसीय पृष्ठ को तीन भागों में बांट सकते है।
माना इस बेलनाकार पृष्ठ की त्रिज्या r तथा लंबाई L है । इस स्थिति में कुल फ्लक्स इन तीनों पृष्ठ से निर्गत फ्लक्स के योग के समान होगा
Φ = ∮E•ds
=∮Edscosθ
= ∮Eds₁cosθ +∮Eds₂cosθ +∮Eds₃cosθ
यहां पृष्ठ S₁तथा S₂ के लिए विद्युतछेत्र छेत्रफल सदिश् के लंबवत है जिससे cos = 0
जबकि पृष्ठ S₃ के लिए विद्युतछेत्र छेत्रफल सदिश के समांतर है तो cosθ = 1
अतः Φ = 0 + ∮Eds₃ + 0
वेलन का वक्र पृष्ठ का छेत्र फल = 2πrl

यहां n̂ रेखीय आवेश के लंबवत दिशा में इकाई सदिश है ।
एक समान आवेशित समतल चादर के कारण विद्युत छेत्र :-
माना इस चादर का पृष्ठ आवेश घनत्व σ है । तथा इस स्थिति में x – अक्ष दिए गए तल के अभिलंबत है अतः विद्युत छेत्र Y तथा Z निर्देशांकों पर निर्भर नहीं करेगा तथा इसके प्रत्येक बिंदु पर दिशा के समांतर होगी ।
फ़्लक्स का मान ज्ञात करने के लिए इसको चारों और एक समांतर षट्फलक की कल्पना की इस स्थिति में केवल पृष्ठ -1 तथा 2 ही फलक्स में योगदान देंगे जबकि विद्युत छेत्र रेखाएं अन्य फलको के समांतर होने के कारण योगदान नहीं देगी ।

इस स्थिति में इस बहुफलक से निकलने वाला कुल फ्लक्स यदि पृष्ठ-1 तथा पृष्ठ-2 का छेत्रफल A ले तो

यदि दिया गया आवेश q हो तो वह एकसमान रूप से छेत्रफल A पर वितरित हो गया है। σ = q/A , q =σΑ
गाऊस के नियम से Φ = q/ξ₀ = σA/ξ₀ …….(2)
समी (1) व (2) से

यहां n̂ तल के अभिलंबवत इकाई सदिश है । यहां σ धनात्मक हो तो E की दिशा बाहर की ओर तथा σ ऋणात्मक हो तो E की दिशा अंदर की ओर होगी ।
एक समान पतले गोलीय खोल के कारण विद्युत छेत्र :-
माना R त्रिज्या का एक पतला गोलीय खोल है जिसका एक समान प्रष्ठिय आवेश घनत्व σ है यहां विद्युत छेत्र की तीव्रता निम्न तीन स्थितियों के लिए संभव है तथा बिंदु P गोले के केंद्र से r दूरी पर स्थित है।
(1) यदि विद्युत छेत्र की तीव्रता गॉलिय खोल के बाहर स्थित बिंदु प पर के तो :-
माना इस गौलिय खोल के बाहर एक गाउसीय पृष्ठ की कल्पना की जो बिंदु P से गुजरता है। विद्युत फ्लक्स की परिभाषा से –
Φ = ∮E•ΔS
= ∮E•ΔS•Cosθ
Ε तथा ΔS के मध्य 0⁰ का कोण है तो Cosθ = 1 ∴ Φ = ∮EΔS = E∮ΔS
∵ गाउसैय पृष्ठ का छेत्रफल(ΔS) = 4πr² ∴ Φ = E(4πr²) ……………(1)
माना गोलीय का आवेश q है ∴ σ = q/A , q = σΑ = σ(4πr²) ∴ Φ = q/ξ₀ = σ(4πR²)/ξ₀ ………….(2) समी. (1) व (2) से आवेश के रूप में

यदि q धनात्मक हो तो विद्युत छेत्र की दिशा वहर की ओर जबकि q ऋणात्मक होने पर विद्युत छेत्र की दिशा अंदर की ओर होगी।
जोलिय खोल के बाहर स्थित विंदुओ पर विद्युत छेत्र इस प्रकार होता है जैसे सम्पूर्ण आवेश गोले के केंद्र पर स्थित है।
(2) गोलीय खोल पर स्थित बिंदुओं पर विद्युत छेत्र की तीव्रता :-
इस स्थिति में r = R सभी……(3) से

(3) यदि बिंदु P खोल के अंदर स्थित हो तो खोल के अंदर विद्युत छेत्र :-
माना गोलीय खोल के अंदर बिंदु P केंद्र से r दूरी पर पर स्थित है तथा बिंदु P से गुजरने वाला आवेश वितरण के सम्मीत एक गोलिय पृष्ठ लिया गया है।
विद्युत फलुक्स की परिभाषा से

अतः एक समान आवेशित पतले गोलीय खोल के कारण उसके भीतर स्थित सभी बिंदुओं पर विद्युत छेत्र शून्य होता है ।